भारत का ऐसा अनोखा गांव जहा लोगो के नाम से नही पुकारा जाता सिटी बजाकर बुलाया जाता है

भारत में तरह तरह की परंपराएं और संस्कृति है इसी वजह से ही इस देश की पहचान होती है , अगर हम इन सबके बारे में जानने की कोशिश करेंगे तो शायद आपको एक और जन्म लेना पड़ सकता है । ऐसे बहुत से गांव जहा कई तरह की परंपरा और संस्कृति देखने को मिलती है ऐसे ही भारत में मेघालय का एक छोटा सा गांव जिसका नाम कोंगथोंग की ऐसी अनूठी संस्कृति और दिलचस्प बाते सुन आप हैरान हो जाएंगे । इस गांव में एक दूसरे को नाम से नही एक धुन से बुलाते है , जी है हो गए न शॉक्ड यह सोच केे ऐसे कैसे हो सकता हैं तो चलिए आपको बताते है ।
इस गांव का नाम कोंगथोंग के नाम से तो जाना जाता ही है और साथ में इस गांव को विसलिंग विलेज भी कहा जाता है । इस गांव में खूबसूरत झरने, पहाड़, लोग आकर्षित तो करते ही है साथ के उनकी संस्कृति भी लोगो को आकर्षित करती है ।
इस गांव की एक संस्कृति है जैसे की जब बच्चे का जन्म होता है तब उसकी मां के मन में जो धुन चल रही होती है वही उस बच्चे का नाम रख दिया जाता है , यहां किसी के नाम से नही बल्कि उसे धुन से बुलाया जाता है । यह कई सालो से प्रथा या संस्कृति भी के सकते हैं चली आ रही है , यहां लोगो की बाते कम और मीठी धुन ज्यादा सुनाई देती है ।
इस गांव की सांस्कृतिक परंपरा से जुड़ी हुई मान्यता
अगर बात करे तो लोगो के द्वारा मिली हुई जानकारी के अनुसार कोंगथोंग एक विसलिंग विलेज के रूप में जाना जाता है क्योंकि यहां जिंगरवाई इवाबेई एक लोरी है जिसे इस गांव के लिए एक दूसरे को बुलाने के लिए बनाए है ।
इस गांव की मान्यता है जो की पुराने समय से चलती आ रही है अगर जंगल में जाने वाले लोगो की उनके नाम से पुकारेंगे तो भूत प्रेत आत्मा उनके घर तक पीछे जायेंगी उनका पीछा नहीं छोड़ेंगी हाथ धो के पीछे पड़ जाएंगी और उनके परिवार को नुकसान पहुंचाना चाहेंगी । अगर हम विसलिंग विलेज में अच्छी जगह रहने की बताए तो सबसे अच्छी जगह कोंगथोंग ट्रैवलर्स नेस्ट है । यह बहुत ही सुंदर जगह है
और यह बास से बनी हुई झोपड़ी है अगर आप यहां रहना पसंद करते हो तो वहा के लोग बहुत अच्छे है किसी को भी अपना बना लेते है । अगर आप इस सुंदर गांव में जाना चाहते है तो शिलांग के सड़क मार्ग से आप 2 घंटे का सफर तय करके यहां जा सकते है और आनंद ले सकते है ।